विकसित भारत के नाम पर ‘जी राम जी’ विधेयक प्रतिगामी प्रस्ताव, तत्काल वापस लें: भाकपा (माले)

The 'Jai Shri Ram' bill, introduced in the name of a developed India, is a regressive proposal; withdraw it immediately: CPI (ML)

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Lucknow, 16 Dec, 2025 10:49 PM
विकसित भारत के नाम पर ‘जी राम जी’ विधेयक प्रतिगामी प्रस्ताव, तत्काल वापस लें: भाकपा (माले)

विधेयक के जरिए कानूनी व सार्वभौमिक ग्रामीण रोजगार गारंटी को खत्म करने की साजिश की जा रही

पहले से मौजूद मनरेगा कानून ज्यादा मजदूर हितैषी, बस इसे और मजबूत करने की जरुरत

लखनऊ, (आईपीएन)। भाकपा (माले) ने मोदी सरकार के प्रस्तावित ‘विकसित भारत - जी राम जी’ विधेयक को विकसित भारत के आवरण में लिपटा प्रतिगामी विधेयक बताते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की है।

पार्टी ने इसे पहले से मौजूद मनरेगा कानून और उसमें दिए गए ग्रामीण रोजगार गारंटी के कानूनी व सार्वभौमिक अधिकार को खत्म करने की साजिश करने वाला विधेयक कहा है। 

पार्टी ने तुलनात्मक रुप से मनरेगा को ज्यादा मजदूर हितैषी बताया है और इसमें रोजगार के दिन बढ़ाकर 200 दिन व प्रतिदिन मजदूरी कम से कम 600 रुपये करते हुए इसे और मजबूत करने की जरुरत पर बल दिया है।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि ‘जी राम जी’ विधेयक का सबसे आपत्तिजनक पहलू यह है कि किसी राज्य के ग्रामीण इलाके में रोजगार देने की जरुरत है - यह केंद्र सरकार के विवेक पर है और वही अधिसूचित करेगी। जबकि मनरेगा में हरेक ग्रामीण क्षेत्र में अकुशल श्रम करने के इच्छुक मजदूर परिवार को कानूनी तौर पर रोजगार देने की गारंटी है।

प्रस्तावित विधेयक में केंद्र सरकार ने बजट में अपना हिस्सा 90 से घटाकर 60 प्रतिशत कर लिया है। राज्यों का अब 10 की जगह 40 प्रतिशत व्यय भार वहन करना होगा। यह मनरेगा के प्रति मोदी सरकार ने शुरु से ही जारी अपने नकारात्मक रवैये को इस विधेयक में संस्थाबद्ध किया है। तीसरी बात, नए विधेयक में खेती के व्यस्त मौसम के दौरान 60 दिनों के लिए रोजगार गारंटी नहीं मिलेगी। यह बेहद मजदूर-विरोधी खासकर महिला मजदूरों के खिलाफ प्रावधान है, जिन्हें सबसे ज्यादा काम की जरुरत होती है।

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