MANN KI BAAT में PM मोदी ने कहा : "रामलला की प्राण प्रतिष्ठा" ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा... LIVE सुनिए और पढ़िये

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 109वें एपिसोड के जरिए देश के लोगों को संबोधित किया। PM मोदी ने साल 2024 के पहले मन की बात कार्यक्रम में देश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि बीते दिनों अयोध्या में हुई रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया। साथ ही उन्होंने गणतंत्र दिवस परेड में दिखी नारी शक्ति का भी ज्रिक किया है।

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Lucknow, 28 Jan, 2024 04:43 PM

नई दिल्ली, 28 जनवरी 2024 (आईपीएन)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 109वें एपिसोड के जरिए देश के लोगों को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा है। दो दिन पहले हम सभी देशवासियों ने 75वां गणतंत्र दिवस बहुत धूमधाम से मनाया है। इस साल हमारे संविधान के भी 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के भी 75 वर्ष हो रहे हैं। हमारे लोकतंत्र का ये पर्व मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत को और सशक्त बनाते हैं। 

मोदी ने कहा कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया है। सबकी भावना एक, सबकी भक्ति एक, सबकी बातों में राम, सबके हृदय में राम। देश के अनेकों लोगों ने इस दौरान राम भजन गाकर उन्हें श्रीराम के चरणों में समर्पित किया। 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने रामज्योति जलाई, दिवाली मनाई। प्रभु राम का शासन, हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत था और इसलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने 'देव से देश' की बात की थी, 'राम से राष्ट्र' की बात की थी। 

मोदी ने कहा कि इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में Women Power को देखकर हुई, जब कर्त्तव्य पथ पर, केंद्रीय सुरक्षा बलों और दिल्ली पुलिस की महिला टुकड़ियों ने कदमताल शुरू किया, तो सभी गर्व से भर उठे। इस बार 13 Women Athletes को Arjuna Award से सम्मानित किया गया है। इन women athletes ने अनेकों बड़े टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया और भारत का परचम लहराया। बदलते हुए भारत में हर क्षेत्र में हमारी बेटियां, देश की महिलाएं कमाल करके दिखा रही हैं। एक और क्षेत्र है, जहां महिलाओं ने अपना परचम लहराया है, वो है - self-help groups.

आज women self-help groups की देश में संख्या भी बढ़ी है और उनके काम करने के दायरे का भी बहुत विस्तार हुआ है। वो दिन दूर नहीं, जब आपको गांव-गांव में, खेतों में, नमो ड्रोन दीदियां ड्रोन के माध्यम से खेती में मदद करती हुई दिखाई देंगी।

मोदी ने कहा कि इस बार भी ऐसे अनेकों देशवासियों को पद्म सम्मान दिया गया है, जिन्होंने जमीन से जुड़कर समाज में बड़े-बड़े बदलाव लाने का काम किया है। इन inspiring लोगों की जीवन-यात्रा के बारे में जानने को लेकर देश-भर में बहुत उत्सुकता दिखी है। मीडिया की headlines से दूर, अखबारों के front page से दूर, ये लोग बिना किसी lime-light के समाज सेवा में जुटे थे। इस बार 2014 की तुलना में 28 गुना ज्यादा Nominations प्राप्त हुए हैं।

PM ने कहा कि हमारे बीच ही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जीवन के अंत के बाद भी समाज जीवन के प्रति अपने दायित्वों को निभाते हैं और इसके लिए उनका माध्यम होता है- अंगदान। हाल के वर्षों में देश में एक हजार से अधिक लोग ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपनी मृत्यु के बाद अपने अंगों का दान कर दिया। ये निर्णय आसान नहीं होता, लेकिन ये निर्णय कई जिंदगियों को बचाने वाला होता है । आज देश में बहुत से संगठन भी इस दिशा में बहुत प्रेरक प्रयास कर रहे हैं। 

मोदी ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा से जुड़े डेटा और शब्दावली का वर्गीकरण किया है, इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मदद की है। दोनों के प्रयासों से आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा में बीमारी और इलाज से जुड़ी शब्दावली की coding कर दी गयी है। इस coding की मदद से अब सभी डॉक्टर prescription या अपनी पर्ची पर एक जैसी भाषा लिखेंगे। इसका एक फायदा ये होगा कि अगर आप वो पर्ची लेकर दूसरे डॉक्टर के पास जाएंगे तो डॉक्टर को इसकी पूरी जानकारी उस पर्ची से ही मिल जाएगी।

मोदी ने कहा कि यानुंग अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली हैं और हर्बल औषधीय विशेषज्ञ हैं। इन्होंने आदि जनजाति की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए काफी काम किया है। इस योगदान के लिए उन्हें इस बार पद्म सम्मान भी दिया गया है।

इस बार छत्तीसगढ़ के हेमचंद मांझी को भी पद्म सम्मान मिला है। वैद्यराज हेमचंद मांझी भी आयुष चिकित्सा पद्धति की मदद से लोगों का इलाज करते हैं। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में गरीब मरीजों की सेवा करते हुए उन्हें 5 दशक से ज्यादा का समय हो रहा है।

PM मोदी ने कहा कि रेडियो की ताकत कितना बदलाव ला सकती है, इसकी एक अनूठी मिसाल छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है। बीते करीब 7 वर्षों से यहां रेडियो पर एक लोकप्रिय कार्यक्रम का प्रसारण हो रहा है, जिसका नाम है 'हमर हाथी-हमर गोठ'। नाम सुनकर आपको लग सकता है कि रेडियो और हाथी का भला क्या connection हो सकता है, लेकिन यही तो रेडियो की खूबी है। 'हमर हाथी-हमर गोठ' कार्यक्रम में बताया जाता है कि हाथियों का झुण्ड जंगल के किस इलाके से गुजर रहा है।

PM मोदी ने कहा कि 25 जनवरी को हम सभी ने National Voters Day मनाया है। ये हमारी गौरवशाली लोकतांत्रिक परम्पराओं के लिए एक अहम दिन है। भारत का हर नागरिक, अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल कर पाए, इसके लिए हमारा चुनाव आयोग ऐसे स्थानों पर भी पोलिंग बूथ बनवाता है, जहां सिर्फ एक वोटर हो। मैं चुनाव आयोग की सराहना करना चाहूंगा, जिसने देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। 

मोदी ने कहा कि आज देश 'पंजाब केसरी' लाला लाजपत राय जी को श्रद्धांजलि दे रहा है। लाला जी स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे सेनानी रहे, जिन्होंने विदेशी शासन से मुक्ति दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। लाला जी के व्यक्तित्व को सिर्फ आजादी की लड़ाई तक सीमित नहीं किया जा सकता, वो बहुत दूरदर्शी थे। 

आज फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा जी को भी श्रद्धापूर्वक नमन करने का दिन है। उन्होंने इतिहास के महत्वपूर्ण दौर में हमारी सेना का नेतृत्व कर साहस और शौर्य की मिसाल कायम की थी। हमारी सेना को शक्तिशाली बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। आज भारत में नए-नए sports tournament आयोजित किये जा रहे हैं। 

मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही चेन्नई में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का उद्घाटन किया। इसमें देश के 5 हजार से ज्यादा athletes हिस्सा ले रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज भारत में लगातार ऐसे नए Platforms तैयार हो रहे हैं, जिनमें खिलाड़ियों को अपना सामर्थ्य दिखाने का मौका मिल रहा है।

मोदी ने कहा कि 29 तारीख को सुबह 11 बजे हम 'परीक्षा पे चर्चा' भी करेंगे। 'परीक्षा पे चर्चा' का ये 7वां संस्करण होगा। ये एक ऐसा कार्यक्रम है जिसका मैं हमेशा इंतज़ार करता हूं। इससे मुझे students के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है और मैं उनके परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने का भी प्रयास करता हूं।पिछले 7 वर्षों में 'परीक्षा पे चर्चा' शिक्षा और परीक्षा से सबंधित कई मुद्दों पर बातचीत करने का एक बहुत अच्छा माध्यम बनकर उभरा है।


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