विदेश में फंसे भारतीयों के लिए रामबाण बना ‘मदद’ पोर्टल
The 'Madad' portal has become a panacea for Indians stranded abroad.
IPN Live
Lucknow, 12 Dec, 2025 05:53 PMनई दिल्ली, (आईपीएन)। भारत सरकार के पास विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों की शिकायतों को तुरंत दूर करने के लिए एक मजबूत और मल्टी-चैनल सिस्टम है। सरकार ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन, वॉक-इन, ईमेल, सोशल मीडिया, चौबीसों घंटे मल्टीलिंगुअल हेल्पलाइन, ओपन हाउस और ‘मदद’, ‘सीपीजीआरएएमएस’ और ‘ई-माइग्रेट’ जैसे खास ऑनलाइन पोर्टल बना रखे हैं।
विदेशों में रहने वाले भारतीयों की मदद के लिए ये ऑनलाइन पोर्टल किसी रामबाण से कम नहीं हैं, क्योंकि पिछले करीब दो वर्षों के अंतराल में मदद पोर्टल पर कुल 11,195 जबकि सीपीजीआरएएमएस पर 4,932 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। पोर्टल के माध्यम से विदेश मंत्रालय को संबंधित व्यक्ति से जुड़ी पूरी समस्या पता चल जाता है, जिससे उस तक वक्त रहते सहायता पहुंचाना काफी सरल एवं सुगम हो जाता है।
विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 01, जनवरी 2024 से 30, नवंबर 2025 के बीच इन पोर्टल के माध्यम से मिली शिकायतों का ब्यौरा दिया। उन्होंने उन शीर्ष-दस देशों की सूची भी जारी की, जहां से पोर्टल पर सबसे अधिक शिकायतें मिली हैं।
राज्यमंत्री के अनुसार सऊदी अरब से सबसे अधिक 3049 जबकि यूएई से 1587 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके बाद मलेशिया, अमेरिका और ओमान से क्रमशः 662, 620 और 613 शिकायतें मिली हैं।
राज्यमंत्री ने कहा ये पोर्टल पीड़ित लोगों को दुनिया में कहीं से भी अपनी शिकायतों को रजिस्टर करने, ट्रैक करने और समय पर, ट्रांसपेरेंट और जवाबदेह समाधान पाने में मदद करते हैं। शिकायत करने वाले या उनके रिश्तेदारों से सीधे बातचीत, संबंधित एजेंसियों के साथ मीडिएशन, मेजबान देश के विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय के जरिए रेगुलर फॉलो-अप और जहां जरूरत हो, पैनल में शामिल वकीलों के जरिए कानूनी मदद देकर मामलों को तेजी से सुलझाया जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि बहुत ही कम ऐसे केस होते हैं, जो कि फाइनल सॉल्यूशन के लिए पेंडिंग रहते हैं और इनमें भी देरी हमेशा सरकार के कंट्रोल से बाहर के बाहरी कारणों से होती है, जैसे कि शिकायत करने वालों की अधूरी जानकारी, विदेशी स्पॉन्सर/एम्प्लॉयर का असहयोगी रवैया, चल रहे कोर्ट केस में इंडियन मिशन की सीमित भूमिका या ये लोकल अधिकारियों द्वारा जांच के तहत मामले होते हैं।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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