विदेश मंत्रालय के ई-सनद पोर्टल पर प्रोसेस हुए 10 लाख डॉक्यूमेंट्स
10 lakh documents processed on the e-Sanad portal of the Ministry of External Affairs
IPN Live
Lucknow, 12 Dec, 2025 05:46 PMनई दिल्ली, (आईपीएन)। विदेश मंत्रालय ने साल 2017 में ई-सनद पोर्टल लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य कॉन्टैक्टलेस, फेसलेस, आसान, किफायती और कुशल ऑनलाइन अटेस्टेशन और एपोस्टिल सर्विस देना है। पोर्टल को लेकर अभी तक अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है और 30 नंवबर 2025 तक पोर्टल पर कुल 10,17,420 डॉक्यूमेंट्स प्रोसेस किए गए हैं।
विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय से इस पोर्टल से जुड़े डॉक्यूमेंट के रियल-टाइम वेरिफिकेशन के संबंध में जानकारी मांगी गई थी, जिस पर विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने अपने लिखित जवाब में बताया कि मिनिस्ट्री ई-सनद पोर्टल पर डॉक्यूमेंट्स के डिजिटल वेरिफिकेशन के लिए और अधिक डॉक्यूमेंट जारी करने वाली अथॉरिटी (डीआईए) और राज्य/यूटी सरकारों को जोड़ने को बढ़ावा दे रही है। हाल ही में विदेश मंत्रालय ब्रांच सेक्रेटेरिएट, चेन्नई को भी ई-सनद पोर्टल के जरिए सीधे एप्लीकेंट्स को सर्विस देने के लिए ऑथराइज किया गया है।
राज्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार और डीआईए से मिले वेरिफाइड डॉक्यूमेंट्स को विदेश मंत्रालय में अटेस्टेशन/एपोस्टिल के लिए प्रोसेस करने में लगभग 2-3 कार्य दिवस लगते हैं, जिसके बाद डॉक्यूमेंट्स एप्लीकेंट के इंडियन पोस्टल एड्रेस पर भेज दिए जाते हैं। ई-सनद को डिजिलॉकर से भी जोड़ा गया है, जिसमें डिजिलॉकर डेटाबेस से लिए जा सकने वाले डॉक्यूमेंट्स का रियल टाइम में वेरिफिकेशन किया जाता है। ऐसे डॉक्यूमेंट्स सीधे मंत्रालय को मिलते हैं और सर्विस जल्दी देने के लिए उन्हें जल्दी प्रोसेस किया जाता है।
राज्यमंत्री ने बताया कि अटेस्टेशन और एपोस्टिल दोनों सर्विस के डेटा के मामले में दिल्ली, गोवा, चंडीगढ़ और तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
बता दें कि ई-सनद पोर्टल विदेश मंत्रालय द्वारा संचालित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है और दस्तावेजों के ऑनलाइन सत्यापन (एपोस्टिल) के लिए इस्तेमाल होता है, ताकि भारतीय और अंतरराष्ट्रीय आवेदकों को कागज रहित सेवा मिले।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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