UPCM योगी की सख्ती का असर, पहली बार कोडिनयुक्त कफ सिरप के अवैध डायवर्जन पर एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत दर्ज हुआ मुकदमा
UPCM Yogi Adityanath's strictness has led to the first case registered under the NDPS and BNS Acts for the illegal diversion of codeine-containing cough syrup.
IPN Live
Lucknow, 12 Dec, 2025 01:20 AM - महीनों की मेहनत, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल से जुटाए सुबूत, फिर शुरू हुआ सबसे बड़ा क्रैक डाउन
- पहले विभाग द्वारा कोडिनयुक्त कफ सिरप के अवैध डायवर्जन पर रद्द किया जाता था लाइसेंस
- सीएम योगी ने अवैध नशे के सौदागरों की कमर तोड़ने और मकड़जाल को नेस्तनाबूद करने को उठाया बड़ा कदम
- सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस नीति ने कोडिनयुक्त कफ सिरप और नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं की कालाबाजारी करने वालों की तोड़ी कमर
- 60 दिन, 52 जिलों की 332 फर्मों पर छापेमारी, 31 जिलों में 133 फर्मों के खिलाफ एफआईआर
- सीएम योगी के निर्देश पर एफएसडीए ने प्रदेशभर में कोडिनयुक्त कफ सिरप और नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं के अवैध डायर्वजन पर कसा शिकंजा
- कोडिनयुक्त कफ सिरप की नशे के रूप में तस्कkkरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई पूरे देश में अब तक का सबसे बड़ा क्रैक डाउन
- अन्य राज्यों में एक्शन के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की गयी, एक बार फिर एक्शन में उत्तर प्रदेश बना नजीर
लखनऊ, (आईपीएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालते ही प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अवैध नशे के सौदागरों के खिलाफ जंग छेड़ दी। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुसार वर्ष 2022 में एएनटीएफ का गठन किया गया। इसी क्रम में योगी सरकार के निर्देश पर एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप व एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार और डायवर्जन के खिलाफ अभियान चलाया। विभाग ने देश का सबसे बड़ा क्रैक डाउन शुरू करने से पहले अंदरुनी गहन जांच शुरू की। विभाग ने झारखंड, हरियाणा, हिमाचल जैसे राज्यों में विवेचना की और उत्तर प्रदेश के सुपर स्टॉकिस्ट और हाेलसेलर के साथ उनके कारोबारी रिश्तों के सबूत जुटाए। इन सब प्रक्रियाओं के बाद दो माह पहले विभाग का क्रैक डाउन शुरू हुआ, जो अभी भी जारी है।
दो माह में विभाग ने प्रदेश भर में छापेमारी कर 31 जनपदों में 133 फर्मों के खिलाफ
एफआईआर दर्ज करायी। इनमें फर्मों के आधा दर्जन से अधिक संचालकों को जेल भी भेजा जा चुका है। सीएम योगी के निर्देश पर एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप की नशे के रूप में तस्करी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, जो पूरे देश में अब तक का सबसे बड़ा क्रैक डाउन है। अन्य राज्यों में एक्शन के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की गयी।
पहली बार एनडीपीएस और बीएनएस की धाराओं में मुकदमा
एफएसडीए सचिव और आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के युवाओं को नशे के आगोश में धकेलने वालाें से सख्ती से निपटाने के स्पष्ट निर्देश दिये थे। ऐसे में सीएम योगी ने निर्देश पर प्रदेश भर में कोडिनयुक्त कफ सिरप की नशे के रूप में तस्करी करने वाले अपराधियों के खिलाफ वृहद स्तर पर अभियान चलाने की याेजना बनायी गयी, जो अभी तक जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ साफ दिशा निर्देश दिये थे कि एफएसडीए की कार्रवाई केवल लाइसेंस रद्द करने भर तक न थमे बल्कि विभाग द्वारा ऐसा एक्शन होना चाहिये जो आने वाले समय के लिए पूरे देश में एक नजीर बने। सीएम ने निर्देश दिये थे कि ऐसा एक्शन हो, जिससे युवाओं का जीवन बर्बाद करने वालों का मकड़जाल पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके। ऐसे में पहली बार एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप का अवैध डायवर्जन करने वालों के खिलाफ एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया, जिसकी वजह से कार्रवाई और सख्त साबित हुई। वहीं जिलाधिकारियों को गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा।
सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के 52 जिलों में 332 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों के दस्तावेज और भंडारण की जांच की गयी। जांच में सामने आया कि कई औषधि प्रतिष्ठान अस्तित्व में हीं नहीं हैं बल्कि केवल बिलिंग प्वाइंट के रूप में काम किया जा रहा था। इसके अलावा कई प्रतिष्ठानों में पर्याप्त भंडारण की व्यवस्था नहीं थी। साथ ही औषधियों के क्रय-विक्रय के अभिलेख भी नहीं पाए गए। उन्होंने बताया कि जांच में 332 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों में से 133 प्रतिष्ठानों द्वारा संगठित रूप से इन औषधियों का गैर चिकित्सकीय उपयोग के लिए अवैध डायवर्जन कर नशे के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा है। इनके द्वारा मुख्य रूप से लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच के जरिये नेपाल और वाराणसी, गाजियाबाद से बांग्लादेश में नशे के रूप में भेजा जा रहा है।
इन शहरों में सामने आए कोडिनयुक्त कफ सिरप की नशे के रूप में तस्करी के मामले
वाराणसी, जौनपुर, कानपुर नगर, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, बहराइच, बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीर नगर, हरदोई, भदोही, अमेठी,श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, बस्ती, अंबेडकनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर, चंदौली, मीरजापुर, बांदा, कौशांबी।
एफएसडीए सचिव एवं आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि दो माह पहले सीएम योगी ने नारकोटिक्स श्रेणी की दवा और कोडिनयुक्त कफ सिरप के अवैध डायवर्जन पर स्पष्ट रूप से अंकुश लगाने के निर्देश दिये थे। उन्होंने कहा था कि पूरे प्रदेश में जहां पर भी ऐसा हो रहा है, उस पर तत्काल कड़ी कार्रवाई करते हुए रोका जाए। इसका पूरा ध्यान रखा जाए कि प्रदेश से किसी भी अन्य राज्य और देश में नशे के रूप में दवाओं का डायवर्जन न हो। सीएम ने एक्शन के दौरान छोटे व्यापारी को परेशान न करने के निर्देश दिये गये। उन्होंने गोरखधंधे में शामिल सुपर स्टॉकिस्ट और होल सेलर के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिये। सीएम योगी के निर्देश पर पहली बार विभाग ने गारेखधंधे में शामिल लोगों के खिलाफ एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करायी। सभी डीएम को गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई के लिए पत्र लिखा।

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