UP : अपराधियों के लिए सॉफ्ट टारगेट बनते जा रहे पत्रकार
UP: Journalists are becoming soft targets for criminals

IPN Live
Lucknow, 10 Mar, 2025 12:51 AMअपराधियों के लिए सॉफ्ट टारगेट बनते जा रहे पत्रकार
पिछले कुछ सालों में दर्जन भर को बनाया निशाना
लखनऊ, (आईपीएन)। गोरखधंधे को उजागर करने वाले कलमकार ( पत्रकार ) बदमाशों के लिए सॉफ्ट टारगेट बनते जा रहे हैं। बेखौफ बदमाशों ने पिछले कुछ सालों में दर्जन भर से अधिक पत्रकारों को निशाना बनाया। हालांकि पुलिस ने अधिकतर वारदात को अंजाम देने वालों को दबोच कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, लेकिन ताबड़तोड़ वारदात से पत्रकार अपनी सुरक्षा को लेकर दहशतज़दा हैं।
सीतापुर जिले के महोली क्षेत्र के विकास नगर निवासी 38 वर्षीय पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेई को बदमाशों ने नेशनल हाईवे पर सीने में गोलियों की बौछार कर मौत की नींद सुला दिया। इस घटना ने एक बार फिर पुराने जख्मों को ताजा कर दिया है।
गौर करें तो किसी के काले कारनामों को उजागर करने वाले पत्रकारों का खून बहाने का चलन बड़ा पुराना है।
राघवेन्द्र वाजपेई की हत्या के बाद यूपी के वह सभी सच्चाई लिखने वाले पत्रकार सहम गए हैं, जिन्हें सुरक्षा से वंचित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेई भी सच लिखने में पीछे नहीं रहे, लिहाजा कुछ लोगों को खल रहा था कि उनका गोरखधंधा उजागर हो जाएगा। जांच-पड़ताल में जुटे एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस मामले में कातिलों की तलाश में कई बिंदुओं पर गहनता से पड़ताल की जा रही है।
,,, ये हुए बदमाशों के शिकार,,,
वर्ष 2017 में दो पत्रकार मारे गए।
कानपुर के बिल्हौर में हिंदुस्तान समाचार पत्र के पत्रकार नवीन गुप्ता और गाजीपुर में दैनिक जागरण समाचार पत्र के पत्रकार राजेश मिश्रा की गोली मारकर हत्या की गई।
वर्ष 2020 में कुल सात पत्रकार मारे गए। राकेश सिंह, सूरज पांडेय, उदय पासवान, रतन सिंह, विक्रम जोशी, फराज असलम शुभम मणि त्रिपाठी लखीमपुर में रमन कश्यप की हत्या।
वर्ष 2022 की बात करें तो सहारनपुर में पत्रकार सुधीर सैनी की हत्या कर दी गई। यह तो महज बानगी भर है और भी कलमकार बदमाशों के निशाना बन चुकें हैं इसके बावजूद पुलिस के आलाधिकारियों को कुछ नहीं सूझ रहा है।
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