UP विधानसभा अध्यक्ष बोले : रचनात्मक विमर्श और अनुशासित कार्यवाही के लिए स्मरणीय बन गया विधानसभा का वर्ष 2025 का द्वितीय सत्र

UP Assembly Speaker said: The second session of the Assembly in the year 2025 became memorable for constructive discussion and disciplined action

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Lucknow, 19 Aug, 2025 02:21 AM
UP विधानसभा अध्यक्ष बोले : रचनात्मक विमर्श और अनुशासित कार्यवाही के लिए स्मरणीय बन गया विधानसभा का वर्ष 2025 का द्वितीय सत्र
लखनऊ, 18 अगस्त 2025 (आईपीएन)। उत्तर प्रदेश अठारहवीं विधानसभा का वर्ष 2025 का द्वितीय सत्र अपने रचनात्मक विमर्श और अनुशासित कार्यवाही के लिए स्मरणीय बन गया। इस सत्र में “विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत – आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश” विषय पर लगातार दो दिनों तक सतत चर्चा हुई, जिसने लोकतांत्रिक परंपरा को और अधिक सुदृढ़ता प्रदान की।

विधान भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि इस विमर्श ने “विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश” की संकल्पना को और अधिक गहराई व व्यापकता प्रदान की है तथा यह भविष्य के लिए सकारात्मक दिशा तय करने में सहायक सिद्ध होगा। महाना ने बताया कि इस महत्त्वपूर्ण विषय पर सदन का प्रत्येक माननीय सदस्य अपने विचार प्रकट करना चाहता था। इसमें भाग लेने की होड़ दिखाई दी। जिन्हें बोलने का अवसर मिला वे संतुष्ट दिखे, वहीं समयाभाववश जिनको अवसर नहीं मिल पाया, उनमें हल्का असंतोष झलकता रहा।

उन्होंने बताया कि  इस चर्चा में कुल 193 माननीय सदस्यों ने भाग लिया। इनमें —भारतीय जनता पार्टी : 105 अपना दल : 7 राष्ट्रीय लोक दल : 2 सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी : 2 निर्वल इण्डियन शोषित हमारा आम दल : 4 असम्बद्ध : 3 समाजवादी पार्टी : 65 कांग्रेस : 2 बहुजन समाज पार्टी : 1 तथा जनसत्ता  दल : 2 सदस्य शामिल हैं। 

उन्होंने बताया कि कुल 193 सदस्यों में  सत्तापक्ष के 120, विपक्ष के 70 तथा 3 असम्बद्ध माननीय सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी की। मंत्रिपरिषद के कुल 31 सदस्य भी इस विमर्श में शामिल हुए। इसके अतिरिक्त 24 महिला सदस्य— जिनमें 18 सत्तापक्ष से और 6 विपक्ष से थीं — ने भी अपनी महत्त्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई।

उन्होंने बताया कि मानसून सत्र के दौरान सत्ता और विपक्ष— दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात खुलकर रखी। यही लोकतंत्र की वास्तविक खूबसूरती है। चार दिन के संक्षिप्त सत्र में जितना विधायी कार्य हुआ, उतना प्रायः लंबे सत्रों में भी नहीं हो पाता। कुल 32 घंटे 28 मिनट तक विधानसभा की कार्यवाही चली, जिसमें केवल 43 मिनट सदन स्थगित रहा। इस प्रकार स्थगन रहित समयावधि 31 घंटे 45 मिनट रही, जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है।

श्री महाना ने बताया कि इस बार सदन में सदस्यों द्वारा प्रस्तुत सभी सूचनाओं को ग्रहण किया गया। यह पहली बार हुआ है। नई नियमावली के अंतर्गत प्रत्येक सूचना पर सम्बन्धित विभाग से उत्तर प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे अब विभाग अधिक उत्तरदायी एवं सक्रिय हो गए हैं।

श्री महाना ने कहा कि 29 मार्च 2022 को विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ग्रहण करने के बाद से प्रत्येक सत्र में कुछ नया करने का प्रयास किया गया है। परम्पराओं, संचालन और प्रक्रिया— तीनों ही स्तरों पर निरंतर नवीनता लाने का कार्य हुआ है, ताकि विधानमंडल की गरिमा और लोकतंत्र की प्रतिष्ठा निरंतर समृद्ध होती रहे।

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