भारत में तैनात विभिन्न देशों के राजदूतों, उच्चायुक्तों को महाकुंभ-2025 का निमंत्रण, पर्यटन मंत्री ने भेजा पत्र
Tourism Minister sent a letter inviting ambassadors and high commissioners of various countries posted in India for Maha Kumbh-2025
IPN Live
Lucknow, 10 Oct, 2024 08:11 PMलखनऊ, 10 अक्टूबर 2024 (आईपीएन)। अगले वर्ष जनवरी 13 से 26 फरवरी, 2025 तक प्रयागराज में आयोजित किये जाने वाले विश्व के सबसे बड़े अध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम महाकंुभ-2025 का साक्षी बनने के लिए प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने लगभग 34 देशों के राजनायिकों, राजदूतों तथा उच्चायुक्तों को निमंत्रण पत्र भेजा है। उन्होंने निमंत्रण पत्र में भारत की समृद्धि सांस्कृतिक विरासत अध्यात्म, देवत्व तथा अध्यात्मिकता की ओर ध्यान आकृष्ट करके महाकंुंभ में भागीदार बनने के लिए अनुरोध किया है।
जयवीर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 34 देशों में से 16 देशों को निमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है और शेष को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। भारत स्थित विभिन्न देशों के राजदूतों को पत्र भेजा गया है, उनमें नेपाल, मारीशस, इण्डोनेशिया, श्रीलंका, मलेशिया, गुयाना, कनाडा, कम्बोडिया, दक्षिण अफ्रीका, त्रिनिदाद और टुबैगो, नीदरलैण्ड, फ्रांस, फीजी, सूरीनाम, यूनाईटेड किंगडम रियूनियन, सिंगापुर, यूएसए, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, केन्या, इटली, जमैका शामिल हैं। इसके अलावा सेशेल्स, स्पेन, यूक्रेन, यूथोपिया, जाम्बिया, मेडागास्कर, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, म्यांमार, जर्मनी तथा भूटान शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि भारत में तैनात राजदूतों एवं उच्चायुक्तों से यह भी आग्रह किया गया है कि वह अपने-अपने देश के भारत की सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले हिन्दू एवं अन्य श्रद्धालुओं एवं नागरिकों को महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। इस आयोजन में अंतर्राष्ट्रीय तथा देशी-विदेशी पर्यटक श्रद्धालु भाग लेंगे। महाकुंभ में लगभग 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
श्री सिंह ने निमंत्रण पत्र में यह भी कहा है कि महाकुंभ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। यह प्राचीनकाल से आयोजित होता चला आ रहा है। उन्होंने राजदूतों को अवगत कराया है कि महाकुंभ में उनकी सहभागिता से वैश्विक स्तर पर भाईचारा तथा शांति के प्रयासों को गति मिलेगी। उन्होंने यह भी लिखा है कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़े आस्था के केन्द्र के रूप में आयोजित होगा। यह पवित्र धार्मिक आयोजन एक लम्बे अध्यात्मिक यात्रा का सहभागी है और भारत की विविधिता में एकता का परिचायक भी है। महाकुंभ अध्यात्मिक समृद्धि को बढ़ाने तथा विभिन्न मतान्तर के लोगों में आस्था के प्रति समर्पण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करेगा।
श्री सिंह ने पत्र में आगे लिखा है कि उ0प्र0 विभिन्न अवतारों तथा देवत्व की भूमि है। सप्तपुरियो में तीन विश्वविख्यात पवित्र स्थल अयोध्या, वाराणसी तथा मथुरा उ0प्र0 में ही स्थित हैं। भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम चन्द्र जी ने अयोध्या तथा भगवान कृष्ण ने ब्रज में अवतार लिया था। वाराणसी बाबा विश्वनाथ की नगरी के रूप में पूरे विश्व में जानी जाती है। उ0प्र0 सिर्फ हिन्दू आस्थाओं के लिए ही नहीं बल्कि बुद्ध धर्म का पालना एवं जैन धर्म का प्राचीन केन्द्र भी है। ये सभी धर्म मानवता तथा सह-अस्तित्व की प्रेरणा देते हैं।
पर्यटन मंत्री ने अपने पत्र में यह भी अवगत कराया है कि आप जैसे विशिष्ट अतिथियों की महाकंुभ में गरिमामयी उपस्थिति प्रसन्नता का विषय होगी। यह आयोजन अध्यात्मिक एकता, आपसी सौहार्द तथा विभिन्न संस्कृतियों के मिलन का गवाह भी बनेगा। उन्होंने यह भी लिखा है कि अपने-अपने देश के श्रद्धालुओं खासतौर से सनातन संस्कृति से जुड़े लोगों को महाकुंभ में पुण्य लाभ प्राप्त करने का अवसर प्राप्त करने हेतु प्रेरित करने का कष्ट करें।
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