पर्यावरण के प्रति आज के छात्र की चिंता भविष्य में सुनहरे पर्यावरण का संकेत: डॉ. दिनेश शर्मा
Today's students' concern for the environment is a sign of a brighter environment in the future: Dr. Dinesh Sharma
IPN Live
Lucknow, 10 Oct, 2024 08:05 PMलखनऊ, 10 अक्टूबर 2024 (आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सांसद डा0 दिनेश शर्मा ने आज ‘मेरा आंगन मेरी हरियाली’ विषय पर आयोजित विद्यार्थियों को किचन वेस्ट से खाद बनाना एवं रूप टॉप गार्डनिंग के प्रति जागरूक करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित करने हेतु आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छात्र पर्यावरण के प्रति जिस प्रकार से चिंतित है उससे भविष्य में बेहतर पर्यावरण संतुलन स्थापित करने की आशा की जा सकती है।
डा0 शर्मा ने राजधानी के एक विद्यालय के विशाल सभागार में आयोजित संगोष्ठी मेरा आंगन मेरी हरियाली विषय पर उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि ’’हम लोगों ने तय किया है कि रसोई का बेकार खाद्य पदार्थ जहरीली गैस मे परिवर्तित नही करेंगे। खाद स्वयं बनाएंगे तथा अपनी छत या छज्जे पर पौधों को लगाएंगे। वृक्ष वास्तव में आक्सीजन का सिलेन्डर हैं तथा इनसे जो आक्सीजन मिलता है उससे हम स्वस्थ वातावरण में रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिक वृक्षावली के कारण पहले गोमती नगर का तापमान लखनऊ से कम रहता था। बाद में यहां वृक्ष कट गए और ऊंची ऊंची इमारतें बन गईं तो यहां का तापमान लखनऊ के तापमान से अधिक रहने लगा।सरकार द्वारा तेजी से वृक्षारोपण कराने का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।’’ डा0 शर्मा ने कहा कि उन्हें खुशी है कि नगर निगम नगर के कचरे से खाद बना रहा है।इसके विपरीत दिल्ली मे कूड़े के पहाड़ से बनते जा रहे हैं जिनका आसपास के लोगों के स्वास्थ्य में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। लोगों के वहां पर कैंसर हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे जब महापौर थे उस समय सघन वृक्षारोपण का कार्यक्रम चला था। उस समय स्कूलों के प्रबंधकों ने उनसे कहा था कि यदि उन्हें 2 लाख पौधे वे दे दें तो वे स्कूल के बच्चों तथा अन्य लोगों से इन्हें लगवाएंगे। उनकी सोंच थी कि अगर बच्चे के अन्दर बचपन से ही पौधे के प्रति प्रेम जग जाएगा तो भविष्य में बेहतर पर्यावरण की उम्मीद की जा सकती है। संासद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा शुरू किये गए स्वच्छता अभियान का असर यह हुआ कि आज बच्चे अपने माता पिता को गुटका खाकर सड़क पर थूकने से रोकते हैं। वृक्षारोपण के लिए बच्चों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहां ’’आप लोग अपने दादा या किसी अन्य के नाम अपने घर के आसपास न केवल पौध लगाएं बल्कि उसकी नियमित सिंचाई करें। इससे जब पौधा वृक्ष का आकार लेगा तो आपके दादाजी की स्मृतिया उसे देखकर ताजी हो जाया करेंगी। घर घर खाद बनाने का अभियान मॉरीशश और इजरायल में बहुत अधिक है। लंदन मंें तो सड़क पर कूड़ा नही दिखाई देता है क्योंकि घर पर ही खाद बन जाता है और घर पर ही अच्छे पर्यावरण का संतुलन हो जाता है। पीजीआई लखनऊ का उधार देते हैं उन्होंने कहा की यहां पर अधिक वृक्षारोपण के कारण वहां का तापमान लखनऊ के अन्य स्थानों के तापमान से कम रहता है। ’’डा0 शर्मा ने कहा ’’हमारे पूर्वजों ने तो पर्यावरण को धर्म से जोड़ा था और कहते थे कि पीपल के पेड़ में ब्रह्मदेव बाबा रहते हैं। उनके कहने का उद्देश्य यह था कि पीपल हमें आक्सीजन देता है। बरगद के पेड़ में माताएं धागा बांध्ंाती हैं इससे वे अपनी रक्षा की अपेक्षा करती हैं जब कि वास्तव में बरगद भी हमे बहुत अधिक आक्सीजन देता है। जल, जंगल और जानवर के पूर्वजों द्वारा बनाए गए संतुलन से उस समय बेहतर जीवन होता था। संत देवरहा बाबा तो पेड़ों को मानव की संज्ञा देते थे तथा वे उनसे बात तक करते थे। संभवतः यह समझ में न आए किंतु यह सही है कि वृक्षों में भी जान होती है और हमे स्वास्थ्य लाभ देते हैं। तुलसी की पत्ती इसका उदाहरण है जो खराब स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इस संस्था द्वारा पर्यावरण सप्ताह मनाने का बेहतर असर दिखाई देना स्वाभाविक है। बच्चे पर्यावरण के प्रति सतर्क होंगे तो अच्छे पर्यावरण का शुभ संकेत है। ’’ मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए डा0 शर्मा ने कहा कि वे ऐसे उद्योगपति थे जो बच्चों को सबसे अधिक महत्व देते थे।उन्होंने बच्चों को सलाह दी कि वे घर में जाकर पहले स्वयं पर्यावरण को बंेहतर बनाने के लिए खुद काम करें उसके बाद पड़ोसियों से वैसा करने को कहें। उन्होंने बच्चों से अपनी रसोई से बेकार हुए पदार्थ से स्वयं खाद बनाने के लिए सलाह दी और कहा कि इसे बनाकर यदि वे अपने मोबाइल में डालेंगे तो लोग उनकी प्रशंसा करेंगे।
इस अवसर पर पर्यावरण विद् सुधीर मिश्रा, नगर आयुक्त नगर निगम लखनऊ इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त डाव एवकेव राव, उद्यान अधीक्षक गंगाराम गौतम आदि उपस्थित रहे।
No Previous Comments found.