यूपी विधानसभा में उपमुख्यमंत्री के व्यवहार से नाराज़ सपा सदस्यों ने किया हंगामा, एक विधायक पूरे सत्र के लिए निलम्बित
SP members angry with the behavior of the Deputy Chief Minister created a ruckus in the UP Assembly, one MLA suspended for the entire session
IPN Live
Lucknow, 18 Dec, 2024 07:05 PMलखनऊ, 18 दिसम्बर 2024 (आईपीएन)। उत्तर प्रदेष विधानसभा के चल रहे षीतकालीन सत्र के तीसरे दिन कार्यवाही देखने आये स्कूली बच्चों व अन्य नागरिकों के लिए सदन की कार्यवाही काफी अनुभवों से भरी रही। दरअसल, बुद्धवार को सदन की कार्यवाही में कुछ ऐसे दृष्य देखने को मिले जिन्हें देख और सुनकर यह अहसास होगा कि सदन में ऐसा भी होता है।
कार्यवाही के दौरान नियम-56 के तहत समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने प्रदेष की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा कराये जाने की मांग की। ग्राहता पर सपा सदस्य डॉ. रागिनी नायक, अतुल प्रधान और दुर्गा प्रसाद यादव ने विपक्ष के अंदाज में स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेष पाठक को घेरने का प्रयास किया तो मंत्री ने भी अपने अंदाज में विपक्ष को आइना दिखाया। मंत्री के व्यवहार से नाराज़ सपा सदस्यों ने पहले सदन का बहिर्गमन किया। इसके बाद सदन में आकर वेल में स्वास्थ्य मंत्री चोर और भ्रष्टाचारी है के नारे लगाते हुए हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच ही मंत्री अपना पक्ष रखते रहे। तभी संसदीय कार्यमंत्री सुरेष खन्ना ने कहा कि यह संसदीय नहीं है, इसे बर्दाष्त नहीं किया जायेगा। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष सतीष महाना ने वेल में मौजूद सदस्यों से अपनी-अपनी सीटों पर जाने के लिए कहा, लेकिन हंगामा जारी रहा। अध्यक्ष ने पहले चेतावनी फिर सपा सदस्य अतुल प्रधान को मौजूदा पूरे सत्र के लिए निलम्बित कर दिया। साथ ही अध्यक्ष ने उन्हें सदन से उठाकर फेंकने का आदेष दे दिया। आदेष मिलते ही सदन में मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बाहर कर दिया।
हुआ यूं कि प्रष्नकाल के बाद षून्य काल में सपा सदस्य डॉ. रागिनी ने प्रदेष की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर कुछ तथ्य रखे। लखनऊ के केजीएमयू, बलरामपुर, लोहिया समेत तमाम अस्पतालों के मानक फायर अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री जी आपके छापे काम नहीं कर रहे हैं। यदि आपके छापे काम कर रहे होते तो झांसी में नवजात षिषुओं की मौत न होती। उन्हांेने कहा कि केन्द्र सरकार वन नेषन वन इलेक्षन पर काम कर रहे हैं लेकिन वन नेषन वन हेल्थ का समय है।
सपा सदस्य अतुल प्रधान ने भी झांसी की घटना के कुछ तथ्य रखे। कहा कि लखनऊ में मरीजों की खरीद-फरोख्त होती है। जांच करा लें तो दिख जायेगा कि राजधानी बडे़-बडे़ सरकारी अस्पतालों के बाहर प्राइवेट एम्बुलेंस खड़ी रहती हैं। ये लोग कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर मरीजों को निजी अस्पताल ले जाते हैं।
सरकार का पक्ष रखने के दौरान उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेष पाठक ने कहा कि सपा के लोग नोटिस पर अन्धरा कर दस्तखत करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को यह मालूम होना चाहिए कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इमरजेंसी नहीं होती है। ऐसे में यदि आपात स्थिति के मरीज को वहां ले जायेंगे तो उसकी मृत्यु तो निष्चित है। श्री पाठक ने अपने अंदाज में कहा कि ये लोग प्रदेष की जनता को गुमराह कर रहे हैं।
ऐसे में मंत्री के व्यवहार से नाराज़ सपा सदस्य ‘स्वास्थ्य मंत्री चोर और भ्रष्टाचारी हैं’ के नारे लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर गये। हालांकि सभी सदस्य तुरन्त वापस लौटे और वेल में आकर मंत्री के खिलाफ नारे लगाते हुए हंगामा करने लगे। सभी सदस्य मांग कर रहे थे कि मंत्री को बर्खास्त करो। इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष के इस व्यवहार को असंसदीय बताया और कहा कि इसे बर्दाष्त नहीं करेंगे। पीठ से विधानसभा अध्यक्ष ने खडे़ होकर सभी सदस्यों से अपने आसन पर बैठने को कहा लेकिन वे नहीं माने और हंगामा करते रहे। इसी बीच अध्यक्ष ने अतुल प्रधान को पहले चेतावनी दी फिर उन्हें पूरे सत्र से निलम्बित कर दिया। साथ ही उन्हें सदन से बाहर उठाकर फेंकने का आदेष भी दे दिया। अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को पांच बार में एक घंटा बीस मिनट के लिए स्थगित किया।
स्थगन के बाद नेता विरोधी दल माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि विपक्ष के लोग यहां सत्ता पक्ष की आरती उतारने नहीं आये हैं। उन्हांेने कहा कि मंत्री को मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए। उन्होने कहाकि मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेष खन्ना ने कहा कि एक मंत्री को चोर कहना क्या संसदीय है। हम सभी सदस्यों का सम्मान करते हैं। माफी का कोई औचित्य नहीं है। सपा सदस्य महबूब अली ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जब भी बोलते हैं तो विवाद जरूर होता है। डॉ. संग्राम यादव ने कहाकि पूरा विपक्ष मंत्री जी की वार्ता से आहत है।
उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेष पाठक ने कहा कि संसदीय व्यवस्था भाषा से ही चलती है। मैं सबका सम्मान करता हूं। उन्होने कहाकि विपक्ष जिस मंत्री को पा जाता है उसे कद्दूकस से घिसना चाहता है। उन्होेंने कहा कि नेता विरोधी दल हमारे परिवार के हैं। इनका अपमान सपने में भी नहीं कर सकता। उन्होंने कहाकि विपक्ष को मीडियाजनित रोग है। यदि लिखा न जाये तो ये लोग घर से नहीं आयेंगे।
अध्यक्ष श्री महाना ने कहा कि जो कुछ भी सदन में हुआ, मुझे अच्छा नहीं लगा। मैं इसके लिए खेद व्यक्त करता हूं। नेता विरोधी दल की नौमूजदगी में महबूब अली ने कहा कि सबकी तरफ से मैं माफी मांगता हूं, मंत्री से भी माफी मंगवाने की बात कही। सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री मयंकेष्वर षरण सिंह ने कहा कि मंत्री जी की तरफ से मैं खेद व्यक्त करता हूं।
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