UPCM योगी की कैबिनेट में तीन नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना का प्रस्ताव मंजूर
Proposal to establish three new private universities approved in UPCM Yogi's cabinet
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Lucknow, 4 Jun, 2025 12:56 AMलखनऊ, (आईपीएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को सम्पन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश में तीन नये निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी गई। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की पहुंच बढ़ाने तथा गुणवत्तापरक शिक्षा व्यवस्था को प्रोत्साहित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
बैठक में भक्ति वेदान्त विश्वविद्यालय, मथुरा, अजय कुमार गर्ग विश्वविद्यालय, गाजियाबाद तथा महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय, अयोध्या की स्थापना के प्रस्तावों को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया है।
इंटरनेशनल सोसाइटी फार कृष्णा कांशियसनेंश (इस्कान) द्वारा मथुरा जनपद के ग्राम अझईखुर्द, तहसील छाता में 50.8870 एकड़ भूमि पर इस विश्वविद्यालय की स्थापना प्रस्तावित है। उच्च स्तरीय समिति द्वारा 29 अक्टूबर 2024 को आशय पत्र निर्गत किये जाने की संस्तुति दी गई थी, जिसके क्रम में अब कैबिनेट ने इसकी स्थापना के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग सोसाइटी द्वारा गाजियाबाद जनपद के ग्राम डासना में 26.2656 एकड़ भूमि पर इस विश्वविद्यालय की स्थापना प्रस्तावित है। उच्च स्तरीय समिति ने 10 नवम्बर 2023 को इस प्रस्ताव को आशय पत्र के लिए उपयुक्त पाया था, जिसे अब कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है।
प्रायोजक संस्था महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट, दिल्ली द्वारा अयोध्या नगर क्षेत्र में 20.2569 एकड़ भूमि पर इस विश्वविद्यालय की स्थापना प्रस्तावित है। इस प्रस्ताव के क्रम में पूर्व में 18 मई 2023 को आशय पत्र निर्गत किया जा चुका है। अब विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2025 लाकर विश्वविद्यालय का नाम अधिनियम की अनुसूची में शामिल किया जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019’’ तथा उससे संबंधित नियमावली-2021 के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं का पूर्णतः अनुपालन करते हुए यह निर्णय लिये गये हैं। इन विश्वविद्यालयों के माध्यम से प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विविधता, नवाचार और वैश्विक स्तर की शैक्षणिक सुविधाएं विकसित होंगी।

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