UP के राहत आयुक्त कार्यालय और यूएनडीपी के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित

MoU signed between UP Relief Commissioner's Office and UNDP

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Lucknow, 16 Jul, 2025 11:56 PM
UP के राहत आयुक्त कार्यालय और यूएनडीपी के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित

लखनऊ, (आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में बुद्धवार को यहां उनके सरकारी आवास पर राज्य में आपदा प्रबन्धन को अधिक प्रभावी, समन्वित, वैज्ञानिक और सशक्त बनाने के उद्देश्य से राहत आयुक्त कार्यालय, उत्तर प्रदेश तथा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू0एन0डी0पी0) के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर सम्पन्न हुआ। यह समझौता प्रदेश में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन कार्यक्रमों को लागू करने, राज्य की संस्थागत क्षमता को सशक्त बनाने और बहुस्तरीय आपदा प्रबन्धन व्यवस्था को तकनीकी दृष्टिकोण पर आधारित बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत है।

इस अवसर पर यू0एन0डी0पी0 की भारत प्रमुख एवं रेजिडेण्ट रिप्रेजेण्टेटिव डॉ0 एंजेला लुसीगी भी उपस्थित रहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट कर उत्तर प्रदेश सरकार की आपदा प्रबन्धन के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की और यू0एन0डी0पी0 की ओर से राज्य को हर सम्भव तकनीकी सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबन्धन वर्तमान समय की एक अनिवार्य प्रशासनिक प्राथमिकता है। तकनीकी दक्षता, प्रशिक्षण और पूर्व तैयारी के समन्वय से ही हम आपदा के प्रभाव को कम कर सकते हैं। यह साझेदारी राज्य की आपदा प्रबन्धन क्षमता को विश्वस्तरीय बनाएगी और शासन-प्रशासन को वैज्ञानिक ढंग से निर्णय लेने में समर्थ बनाएगी। यह प्रयास उत्तर प्रदेश के आपदा न्यूनीकरण प्रयासों को नई दिशा देंगे। इससे प्रदेश में जीवन, सम्पत्ति और अवसंरचना की रक्षा के लिए समेकित रणनीति पर कार्य करना अधिक सुगम होगा और आपदा प्रबन्धन की दिशा में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकेगा।

इस अवसर पर यू0एन0डी0पी0 की भारत प्रमुख एवं रेजिडेण्ट रिप्रेजेण्टेटिव ने उत्तर प्रदेश सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और तत्परता इस समझौते को धरातल पर सफल बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यू0एन0डी0पी0 तकनीकी सहायता के साथ-साथ नीति निर्माण, योजना विकास और जमीनी कार्यान्वयन तक हर स्तर पर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सहयोग करेगा।

ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इस समझौते का उद्देश्य राज्य के विभिन्न स्तरों पर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन कार्यक्रमों की व्यापक श्रृंखला को लागू करना है, जिससे राज्य की आपदा प्रबन्धन प्रणाली अधिक समावेशी, जवाबदेह और प्रभावी बन सके। इसके अन्तर्गत जिला और विभागीय स्तर पर आपदा प्रबन्धन योजनाओं के विकास से लेकर जोखिम मूल्यांकन, सूचना प्रणाली के सुदृढ़ीकरण, प्रशिक्षण, संसाधन क्षमता निर्माण, अर्ली वॉर्निंग सिस्टम की स्थापना तथा परियोजना प्रबन्धन तक विभिन्न पहलों को क्रियान्वित किया जाएगा। यह साझेदारी राज्य को आपदा न्यूनीकरण के वैश्विक मानकों से जोड़ते हुए स्थानीय जरूरतों के अनुरूप कार्यान्वयन में मदद करेगी।

समझौते के प्रमुख बिन्दुओं में सभी 75 जनपदों में जिला आपदा प्रबन्धन योजनाओं और 15 विभागों की विभागीय आपदा प्रबन्धन योजनाओं का विकास शामिल है। राज्य के 10 विभागों के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा। साथ ही, 20 प्रमुख शहरों में सम्भावित आपदाओं को ध्यान में रखते हुए जोखिम व संवेदनशीलता का मूल्यांकन कराया जाएगा। इन्हीं शहरों में शहरी आपदा प्रबन्धन योजनाएं भी विकसित की जाएंगी।

तकनीकी मोर्चे पर, राज्य स्तर की आपदा सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने हेतु इसे एकीकृत किया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं, मूल्यांकन अध्ययन, आवश्यक आई0सी0टी0 उपकरणों की उपलब्धता तथा राहत आयुक्त कार्यालय में परियोजना प्रबन्धन यूनिट की स्थापना की जाएगी, ताकि सभी गतिविधियाँ सुगठित एवं प्रभावशाली ढंग से संचालित हो सकें।

कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आगामी तीन वर्षों में कुल 19.99 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह धनराशि चरणबद्ध तरीके से व्यय की जाएगी और यू0एन0डी0पी0 द्वारा प्रस्तुत तकनीकी प्रस्तावों के अनुरूप क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य सरकार इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की संस्तुति के अनुरूप आगे बढ़ा रही है, जिसने यू0एन0डी0पी0 को इस क्षेत्र में तकनीकी सहयोग हेतु अधिकृत किया है।


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