LUCKNOW NEWS : 50 शैय्यायुक्त चिकित्सालय चंदननगर आलमबाग के चिकित्सकों ने बचाई महिला की जान
LUCKNOW NEWS: Doctors of 50-bed hospital Chandan Nagar Alambagh saved the life of a woman

IPN Live
Lucknow, 25 Jul, 2025 10:16 PMलखनऊ, (आईपीएन)। राजधानी लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र में चंदननगर स्थित 50 शैय्यायुक्त संयुक्त चिकित्सालय के चिकित्सकों की तत्परता एवं उनकी कर्मठता से चिकित्सक टीम द्वारा गंभीर रूप से बीमार एक 30 वर्षीय महिला की जान बचायी जा सकी। डॉक्टर्स के मुताबिक, पीड़ित महिला अब स्वस्थ है एवं खतरे से बाहर है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आनंद त्रिपाठी ने पूरी टीम को बधाई दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, आलमबाग के ओमनगर क्षेत्र निवासी 30 वर्षीय एक महिला बीती 24 जुलाई की शाम पेट दर्द एवं बेहोशी की तकलीफ से आकस्मिक चिकित्सा यूनिट में परिजनों द्वारा लाई गई थी। उस समय चिकित्सालय में सर्जन डॉक्टर देवाशीष शर्मा की ड्यूटी थी। डॉ. शर्मा ने तत्काल रोगी को देखने पर पाया कि उसकी बच्चेदानी की ट्यूब फट गई है एवं स्थिति अत्यंत गंभीर है। गंभीरता का आंकलन करते हुए तत्काल बेहोशी के डॉक्टर एवं अन्य सहयोगियों को बुलाकर रोगी की सभी जांच आकस्मिक रूप से कराकर उसका ऑपरेशन किया गया। चूंकि महिला के शरीर से खून ज्यादा बह चुका था, ऐसे में उसे रक्त चढ़ाने की भी आवश्यकता थी। इस कारण डॉक्टर की टीम ने ऑपरेशन से पूर्व चार यूनिट रक्त का भी इंतजाम किया। रात्रि में रोगी का ऑपरेशन करने के उपरांत सर्जन एवं बेहोशी के डॉक्टर रात भर उसकी निगरानी के लिए चिकित्सालय में ही रुक रहे। डॉक्टर ने बताया कि आज शुक्रवार को महिला रोगी स्वस्थ है एवं खतरे से बाहर है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है
जब कभी सामान्य रूप से प्रेगनेंसी बच्चेदानी के अंदर न होकर के असामान्य रूप से बच्चेदानी के बाहर होती है तो यह मां एवं बढ़ रहे बच्चे, दोनों के लिए खतरा बन जाता है। इस केस में प्रेगनेंसी बच्चेदानी की ट्यूब में थी एवं ट्यूब के फटने से मां गंभीर हो गई थी। साथ ही उसके पेट में लगभग एक लीटर खून भरा हुआ था। चिकित्सकों की तत्परता एवं उनकी कर्मठता से एक मां की जान बचाई जा सकी। पीड़ित महिला प्रारम्भिक गर्भावस्था में थी। चिकित्सकों के फैलोपियन ट्यूब में 8 सप्ताह से ज़्यादा समय तक एक्टोपिक विकास नहीं हो सकता।
अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आनंद त्रिपाठी ने आईपीएन को बताया कि आकस्मिक रूप से आए हुए ऐसे केस में क्योंकि मरीज गंभीर होता है, तत्काल ऑपरेशन करना होता है, किंतु जिस प्रकार का उत्कृष्ट कार्य डॉक्टर देवाशीष, डॉक्टर अभिषेक राय एवं उनकी पूरी टीम ने किया है, वह प्रशंसनीय है एवं पूरी टीम बधाई की पात्र है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि भविष्य में भी सभी सर्जन ऐसे ही आकस्मिक स्थितियों में रोगियों सेवा करते रहेंगे।
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