KGMU : लगभग 50 प्रतिशत कैंसर रोगियों में दर्द की दवा की जरूरत
KGMU: Nearly 50 percent of cancer patients need pain medication

IPN Live
Lucknow, 5 Mar, 2025 12:10 AMमार्फिन की पड़ सकती है आदत
लखनऊ, (आईपीएन)। रेडियोथेरेपी केजीएमयू में आज नर्सिंग ऑफिसर्स को दर्द निवारक दवाओं के उपयोग की ट्रेनिंग प्रदान की गई।
कैंसर के लगभग 50 से 55 प्रतिशत रोगियों में दर्द की शिकायत रहती है। इन रोगियों में दर्द निवारक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। यह दर्द कई बार सामान्य दवाओं से ठीक नहीं होता। दर्द का उपचार यदि वैज्ञानिक रूप से किया जाए तो ना केवल रोगी को दर्द से मुक्ति मिलेगी अपितु उसके शरीर को नुकसान भी कम पहुंचेगा।
निश्चेतना विभाग से डॉ सरिता ने कहा कि मार्फिन का उपयोग काफी सावधानी से करना चाहिए। कैंसर के रोगियो में यह कारगर है। रोगी को इस दवा की आदत पड़ सकती है।
इसकी मात्रा को नियंत्रण में रखना चाहिए। नसों में जितनी मात्रा में दवा काम करती है उससे तीन गुनी खुराक की जरूरत खाने वाली दवा में पड़ती है।
रोगी से प्यार भरा संवाद एक उपचार है। ना तो रोगी को बेवजह की मीठी बातों से दिल खुश करने वाली बात करें और ना ही बुरी सच्चाई को उसके सामने जग जाहिर करें।
नियंत्रित वाणी उपचार को सकारात्मक बनाती है। उदाहरण के तौर पर रोगी को कहें कि हम उपलब्ध चिकित्सा विकल्प में जो सर्वश्रेष्ठ है, आपके लिए कर रहे हैं, आशा है परिणाम सुखद रहे। इस प्रकार का वार्तालाप मनोबल तो बढ़ाता ही है, रोगी को उपचार पूरा करने में भी सहायक रहता है।
दर्द की दवाइयां गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। गुर्दे की बिगड़ी स्थिति में दर्द दवा गुर्दे को खराब कर सकती है, जो जानलेवा हो सकता है।
इसके अतिरिक्त कोर्स में घाव की देखभाल के बारे में भी बताया गया। कैंसर के घाव को फटने से रोकना चाहिए। यह रोगी की quality of life बहुत हद तक बढ़ाता है। कोई कॉलर या कपड़ा घाव को रगड़ रहा हो, उसे ना पहने। यह छोटी सी सावधानी घाव को फटने से बचा सकती है।
ट्रेनिंग कोर्स को रेडियोथेरेपी विभाग से डॉ राजीव गुप्ता, डॉ सुधीर सिंह, डॉ राजेंद्र कुमार, डॉ मृणालिनी वर्मा, निश्चेतना विभाग से डॉ मोनिका कोहली, डॉ सरिता सिंह एवं सर्जिकल ऑनकोलॉजी से डॉ विजय कुमार द्वारा चलाया गया।
No Previous Comments found.