आज़ादी के बाद पहली बार सदन में सर्वसहमति से वंदे मातरम् गीत पूरा गाया गया : सतीश महाना
For the first time after independence, the entire song Vande Mataram was sung unanimously in the House: Satish Mahana
IPN Live
Lucknow, 30 Dec, 2025 01:41 AMलखनऊ, (आईपीएन)। उत्तर प्रदेश विधानसभा निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। हाल ही में संपन्न हुए शीतकालीन सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही एक बार भी स्थगित नहीं हुई। वहीं, वंदे मातरम् पर सदन में विस्तृत एवं सकारात्मक चर्चा हुई, जिसमें अधिकांश विधायकों ने सक्रिय सहभागिता की। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि आज़ादी के बाद पहली बार सदन में सर्वसहमति से वंदे मातरम् गीत पूरा गाया गया, जो भविष्य में संभवतः विधानसभा के इतिहास में एक स्मरणीय और ऐतिहासिक क्षण के रूप में अंकित होगा।
शीतकालीन सत्र के समापन के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि अब विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले विधेयकों पर अधिकाधिक सदस्यों को चर्चा का अवसर दिया जा रहा है। इस सत्र में भी विधेयकों में संशोधन हेतु अधिकांश सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर मिला। साथ ही सदस्यों से यह अपेक्षा की गई कि वे विषय पर केंद्रित रहकर ही अपने विचार व्यक्त करें, ताकि अनावश्यक दोहराव से बचा जा सके। इसी उद्देश्य से सभी विधायकों से यह आग्रह किया गया है कि वे सदन में उपस्थित होने से पूर्व विधेयकों का गहन अध्ययन कर आएं। कई विधायकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें पहली बार विधेयकों पर सार्थक चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ है, जबकि पूर्व में उन्हें विधेयकों की पूरी जानकारी नहीं रहती थी।
श्री महाना ने बताया कि अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान विधायकों के साथ विभिन्न चरणों में संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। आगामी ‘संवाद कार्यक्रम’ में विधायकों से स्पष्ट रूप से कहा जाएगा कि वे अगले सत्र में विधेयकों को पूर्ण रूप से पढ़कर ही सदन में आएं। अब केवल हाथ उठाने मात्र से बोलने का अवसर नहीं दिया जाएगा, बल्कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सदस्य विषय की सम्यक जानकारी के साथ चर्चा में भाग लें। अगले सत्र में किसी भी समय विधायकों से यह पूछा जा सकता है कि प्रस्तुत विधेयक की मूल भावना और उसके प्रमुख प्रावधान क्या हैं। उन्होंने कहा कि उद्देश्य सभी सदस्यों को विधायी प्रक्रिया से गहराई से जोड़ना है।
अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा निरंतर नए मानदंड स्थापित कर रही है। विधायक अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को सदन में पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ उठाते हैं। अपने 35 वर्षों के संसदीय अनुभव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह देखकर संतोष होता है कि अब विधायिका के सकारात्मक और रचनात्मक पक्ष सामने आ रहे हैं। इसमें मीडिया का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। पूर्व में विधायिका को लेकर नकारात्मक धारणाएं अधिक थीं, किंतु वर्तमान में एक सकारात्मक परिवर्तन स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
अध्यक्ष सतीश महाना ने यह भी बताया कि विधानसभा के भ्रमण हेतु प्रदेशभर से बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। इससे आमजन को न केवल विधायिका की कार्यप्रणाली को समझने का अवसर मिल रहा है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति उनकी जागरूकता भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा भ्रमण के लिए निरंतर बढ़ रही जनभागीदारी से यह स्पष्ट है कि विधायिका के प्रति जनविश्वास और जन-जागरूकता दोनों सुदृढ़ हो रहे हैं।
अध्यक्ष ने जानकारी दी कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन 19 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन के दौरान 20 एवं 21 जनवरी को विभिन्न समसामयिक और संसदीय विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन का समापन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा किया जाएगा। 22 जनवरी को देशभर से आए प्रतिनिधि अयोध्या दर्शन के लिए प्रस्थान करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि विगत तीन वर्षों में विधायकों के साथ अलग-अलग समूहों में संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं और शीघ्र ही पुनः ‘संवाद कार्यक्रम’ आयोजित किया जाएगा, जिसमें सत्र के दौरान प्रस्तुत होने वाले विधेयकों का अध्ययन कर सदन में आने का आग्रह पुनः किया जाएगा।

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