17 दिसंबर को कानपुर में आयोजित की जाएगी मक्का की राज्य स्तरीय कार्यशाला
A state-level workshop on maize will be held in Kanpur on December 17th.
IPN Live
Lucknow, 16 Dec, 2025 10:12 PMलखनऊ, (आईपीएन)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ’त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम’ योजनान्तर्गत राज्य स्तरीय मक्का की कार्यशाला/प्रदर्शनी का आयोजन 17 दिसंबर 2025 को प्रातः 10ः30 बजे से शताब्दी भवन सभागार, हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय, कानपुर में किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सूर्यप्रताप शाही, मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान, उ0प्र0 होंगे। उत्तर प्रदेश का देश में मक्का के अन्तर्गत क्षेत्रफल की दृष्टि से चौथा स्थान है, और यह कार्यशाला प्रदेश में मक्का की खेती के प्रोत्साहन के लिए एक राज्यपोषित योजना है, जो चार वर्षों (2024-25 से 2027-28 तक) के लिए संचालित है। योजना का कुल परिव्यय रू0 14656.45 करोड़ है तथा यह सम्पूर्ण 75 जनपदों में संचालित होगी। वर्तमान में मक्का की खेती के प्रोत्साहन हेतु भारत सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के कोर्स सीरियल घटक अन्तर्गत मक्का फसल हेतु मात्र 13 जनपद चयनित हैं।
मक्का का उपयोग मुख्य रूप से पोल्ट्री फीड, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, एनीमल फीड, स्टार्च और एथेनॉल उत्पादन आदि के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में बढ़ते धार्मिक पर्यटन और औद्योगिकीकरण के कारण होटल उद्योग में स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न जैसे उत्पादों की मांग बढ़ रही है। प्रदेश में मक्का का उत्पादन खरीफ, रबी एवं जायद तीनों सीजन में होता है, हालाँकि मक्का के लिए खरीफ मुख्य सीजन है। वर्तमान में प्रदेश में मक्का का क्षेत्रफल 10.85 लाख हेक्टेयर, उत्पादन 30.55 लाख मी० टन तथा औसत उत्पादकता 28.15 कुन्टल प्रति हेक्टेयर है। चूंकि प्रदेश का मुख्य फसल चक्र धान-गेहूं होने के कारण प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन, मृदा स्वास्थ्य खराब होने, खेती की लागत बढ़ने और किसानों को कम लाभ प्राप्त होने जैसी समस्याएँ आ रही हैं, इसलिए मक्का ऐसी फसल है जिसको बढ़ावा देकर इन समस्याओं का काफी हद तक समाधान पाया जा सकता है। प्रदेश में रबी एवं जायद सीजन में मक्का अन्तर्गत आच्छादन, उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि किए जाने की पर्याप्त संभावनायें हैं।
वर्ष 2025-26 में योजना में रू0 27.37 करोड़ का व्यय किया जाएगा। योजना के अंतर्गत उन्नत तकनीकी प्रदर्शन मद में विभिन्न अनुदान दिए जाते हैंरू देसी मक्का पर रू0 3,000 प्रति एकड़ अनुदान, संकर मक्का प्रदर्शन हेतु रू0 4,600 प्रति एकड़ अनुदान, पॉपकॉर्न मक्का प्रदर्शन हेतु रू0 4,600 प्रति एकड़ अनुदान, बेबी कॉर्न मक्का प्रदर्शन हेतु रू0 16,000 प्रति एकड़ अनुदान, और स्वीट कॉर्न मक्का प्रदर्शन हेतु रू0 20,000 प्रति एकड़ अनुदान देय है। सामान्य संकर बीज वितरण पर रू0 15,000 प्रति क्विंटल पर अनुदान देय है। मेज शेलर यंत्र पर मूल्य का 50 प्रतिशत या रू0 40,000 (जो भी कम हो) अनुदान देय है। बैच ड्रायर पर मूल्य का 80 प्रतिशत या रू0 15,00,000 (जो भी कम हो) (सक्रिय एफ.पी.ओ. को) अनुदान देय है। पॉपिंग मशीन पर मूल्य का 50 प्रतिशत या रू0 10,000 (जो भी कम हो) अनुदान देय होगा। योजना में कृषकों को मक्का की खेती के लिए प्रोत्साहित किए जाने हेतु गोष्ठियों, मेलों, कार्यशालाओं तथा प्रदेश के अन्दर एवं बाहर भ्रमण कराया जाता है।
कार्यशाला में बलदेव सिंह औलख (कृषि राज्य मंत्री), रविन्द्र (प्रमुख सचिव, कृषि), कुलपति (हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय, कानपुर), कुलपति (चन्द्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर), निदेशक (भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर), डॉ० पंकज त्रिपाठी (कृषि निदेशक, उ0प्र0), जगदीश कुमार (अपर कृषि निदेशक, उ0प्र0), महानिदेशक (उ0प्र0 कृषि अनुसंधान परिषद), प्रबन्ध निदेशक (बीज विकास निगम), निदेशक (बीज प्रमाणीकरण), निदेशक (राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान), आई0आई0एम0आर0 लुधियाना एवं बेगूसराय के प्रधान वैज्ञानिक, अन्य कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकगण, यू०पी० डिस्टलरीज एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी, वाइस प्रेसीडेन्ट (एक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज) तथा समस्त मण्डलीय संयुक्त कृषि निदेशक, जनपदीय उप कृषि निदेशक/जिला कृषि अधिकारी व कृषक प्रतिभाग करेंगे।

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