छठ पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए UPCM योगी, बोले: छठ पर्व प्रकृति एवं परमात्मा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का पर्व
UPCM Yogi participated in Chhath Puja program, said: Chhath festival is a festival of expressing gratitude towards nature and God.

IPN Live
Lucknow, 19 Nov, 2023 09:12 PMलखनऊ, 19 नवम्बर 2023 (आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीने कहा कि छठ पर्व सूर्य देव की उपासना एवं छठ माता की पूजा का पर्व है। यह पर्व भारत की समृद्ध परम्परा का प्रतिनिधित्व करते हुए आमजन की आस्था को व्यक्त करता है। हमारा देश आस्था का देश है। यह आस्था पूरे भारत को एकता के सूत्र में जोड़ती है। इस आस्था ने विपरीत परिस्थितियों में भी पूरे भारत को एकजुट करके रखा है।
मुख्यमंत्री आज यहां लक्ष्मण मेला मैदान, गोमती तट पर आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल षष्ठी को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, नेपाल की तराई के एक बड़े भू-भाग सहित जहां-जहां भोजपुरी समाज है, छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। चार दिवसीय छठ पूजा के कार्यक्रम को बड़ी निष्ठा व आस्था के साथ हमारी माताएं-बहनें मनाती हैं।
छठ पर्व प्रकृति एवं परमात्मा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का पर्व है। इस पर्व पर व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं, क्योंकि सूर्य देवता के कारण ही जल की राशि हमारे पास आती है। इसलिए व्रती सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर ‘त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये’ का भाव व्यक्त करते हैं। जल हमारे जीवन का प्रतीक है। जल को शुद्ध व निर्मल बनाए रखने की हमारी जिम्मेदारी है।
सीएम योगी ने कहा कि आयोजन के बाद आयोजकों का दायित्व बनता है कि वह स्वयंसेवकों व प्रशासन की मदद से घाटों, नदियों में साफ-सफाई व स्वच्छता के कार्यक्रमों से जुड़ें। जल है तो जीवन है। हम सभी को जल व प्रकृति की शुद्धता व उसके सौन्दर्य को बनाए रखने के लिए भरसक प्रयास करने होंगे। जीव सृष्टि को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है। इन सभी कार्यक्रमों के साथ हम सभी को निरन्तर जुड़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लोक आस्था के संरक्षण व संवर्धन के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। स्थानीय प्रशासन इस प्रकार के आयोजन की व्यवस्था में सहयोगी की भूमिका का निर्वहन करता है। लेकिन जब शासन व प्रशासन का सहयोग नहीं मिलता था, तब भी लोगों ने स्वतः स्फूर्त भाव से इन कार्यक्रमों के साथ जुड़कर लोक आस्था की परम्परा को जीवित बनाए रखने का कार्य किया। यह अत्यन्त अभिनन्दीय कार्य है।
लोक आस्था का परिणाम है कि लोकतांत्रिक मूल्यों व आदर्शों के बावजूद 142 करोड़ की आबादी का भारत उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम एकजुट है। हमारा देश पर्व एवं त्योहारों का देश माना जाता है। अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग परम्पराएं हैं, जो लोक आस्था व विशिष्ट आयोजनों के साथ आम जनमानस को अपने साथ जोड़ती हैं तथा पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधती हैं।
योगी ने कहा कि इसी लोक आस्था के लिए 500 वर्षों तक श्रीराम जन्मभूमि के लिए आन्दोलन व संघर्ष हुआ और अन्ततः विजयश्री प्राप्त हुई। जनवरी, 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर-कमलों से अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्यक्रम सम्पन्न होने जा रहा है।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने गोमती नदी के तट पर अस्ताचल सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
No Previous Comments found.