KGMU के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने मनाया 39वाँ स्थापना दिवस मनाया
KGMU's Department of Microbiology celebrated its 39th Foundation Day.
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Lucknow, 17 Dec, 2025 12:44 AMलखनऊ, (आईपीएन)। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू), लखनऊ के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने मंगलवार को अपना 39वाँ स्थापना दिवस अत्यंत गरिमामय एवं अकादमिक वातावरण में सेल्बी हॉल, प्रशासनिक भवन, केजीएमयू में मनाया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद, पद्मश्री सम्मान 2025 से अलंकृत। प्रो-वाइस चांसलर प्रो. अपजित कौर एवं डीन एकेडमिक्स प्रो. वीरेंद्र आतम कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
समारोह का प्रमुख आकर्षण रहा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, जो चिकित्सा माइक्रोबायोलॉजी, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं संस्थान निर्माण के क्षेत्र में दशकों तक उत्कृष्ट सेवाएँ देने वाले वरिष्ठ माइक्रोबायोलॉजिस्टों को प्रदान किया गया।
लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड निम्नलिखित विभूतियों को प्रदान किए गए:
• प्रो. एस. के. अग्रवाल, एमबीबीएस, एमडी
पूर्व विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं पूर्व कुलपति, केजीएमयू, लखनऊ —
माइक्रोबायोलॉजी शिक्षा एवं नैदानिक सेवाओं को सुदृढ़ करने में उनके दूरदर्शी नेतृत्व एवं अमूल्य योगदान के लिए।
• प्रो. मस्तान सिंह, एमबीबीएस, एमडी
पूर्व विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं पूर्व डीन एकेडमिक्स, केजीएमयू, लखनऊ —
अनुशासित नेतृत्व, अकादमिक मार्गदर्शन एवं नैदानिक माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में दीर्घकालिक योगदान के लिए।
• प्रो. अमिता जैन, एमबीबीएस, एमडी, पीएचडी, एफएएमएस, एफआरसीपैथ
पूर्व विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, केजीएमयू; पूर्व डीन एकेडमिक्स एवं वर्तमान में कार्यकारी निदेशक, एम्स रायबरेली —
विषाणु विज्ञान, क्षय रोग निदान, संक्रामक रोग निगरानी एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारी के क्षेत्र में उनके राष्ट्रीय योगदान के लिए।
• डॉ. संजय सिंघल, एमबीबीएस, एमडी (माइक्रोबायोलॉजी)
माइक्रोबायोलॉजी विभाग, केजीएमयू की प्रथम एमडी बैच के पूर्व छात्र; पूर्व विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, ईएसआईसी पीजीआईएमएसआर, नई दिल्ली —
शैक्षणिक माइक्रोबायोलॉजी, संक्रमण नियंत्रण एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए।
कार्यक्रम का अकादमिक आकर्षण रहा फाउंडेशन डे ओरशन, जिसे डॉ. कामिनी वालिया, वरिष्ठ वैज्ञानिक, प्रोग्राम ऑफिसर (AMR), एवं प्रमुख – डिस्क्रिप्टिव स्टडीज़ डिवीजन, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), नई दिल्लीने प्रस्तुत किया। अपने व्याख्यान “भारत में एंटीमाइक्रोबियल स्टूवर्डशिप को सुदृढ़ करना: अनुभव, चुनौतियाँ एवं भविष्य की दिशा” में उन्होंने एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस की बढ़ती चुनौती पर प्रकाश डालते हुए मजबूत डायग्नोस्टिक सिस्टम, निगरानी, स्टूवर्डशिप एवं साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में प्रो. विमला वेंकटेश, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, केजीएमयू द्वारा स्वागत भाषण एवं विभागीय वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें विभाग की शिक्षण, नैदानिक, शोध उपलब्धियों एवं राज्य स्तरीय संदर्भ प्रयोगशाला के रूप में भूमिका को रेखांकित किया गया।
इस अवसर पर विभाग द्वारा प्रो. आर. के. कल्याण, प्रो. प्रशांत गुप्ता, डॉ. शीतल वर्मा, डॉ. पारुल जैन, डॉ. सुरुचि शुक्ला एवं डॉ. श्रुति रडेरा को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया। साथ ही रेज़िडेंट्स, छात्रों एवं कर्मचारियों को अकादमिक उत्कृष्टता, नवाचार, मानवीय मूल्यों, समर्पित सेवाओं एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।
अपने संबोधन में कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग की निरंतर उत्कृष्टता की सराहना करते हुए कहा कि यह विभाग शिक्षण, निदान एवं शोध के साथ-साथ संक्रामक रोग नियंत्रण एवं एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अनेक वरिष्ठ संकाय सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें प्रो. के. के. सिंह (डीन पैरामेडिकल एवं अध्यक्ष, टीचर्स एसोसिएशन), प्रो. राजीव गर्ग (डीन, आईक्यूएसी), प्रो. आर. के. दीक्षित, प्रो. संदीप तिवारी, प्रो. जे. डी. रावत सहित अन्य गणमान्य शामिल रहे।
कार्यक्रम का समापन डॉ. शीतल वर्मा द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
यह स्थापना दिवस समारोह माइक्रोबायोलॉजी विभाग की चिकित्सा शिक्षा, ट्रांसलेशनल रिसर्च एवं राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट करता है, जो केजीएमयू के आदर्श वाक्य—
“विज्ञान और करुणा के माध्यम से मानव सेवा” के अनुरूप है।

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