28 राज्यों व 8 केन्द्र शासित प्रदेशों की कला संस्कृति का प्रतीक भारत महोत्सव-2021 आज से

प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के तत्वावधान में आगामी 30 नवम्बर से 14 दिसम्बर 2021 तक 15 दिवसीय भारत महोत्सव-2021 का आयोजन कांशीराम स्मृति उपवन, आशियाना लखनऊ में किया जायेगा। इस बात की जानकारी आज प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने भारत महोत्सव की आयोजित प्रेसवार्ता में भारत महोत्सव स्थल पर दी।

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Lucknow, 29 Nov, 2021 07:16 PM
28 राज्यों व 8 केन्द्र शासित प्रदेशों की कला संस्कृति का प्रतीक भारत महोत्सव-2021 आज से

-भारत महोत्सव में होंगे विभिन्न प्रदेशों के स्टॉल्स

-भारत टैलेंट हन्ट की रोजाना निःशुल्क प्रतियोगिताएं
-महिलाओं, पुरूषों व बच्चों को मिलेगा भारत हस्तशिल्प महोत्सव रत्न सम्मान

लखनऊ, 29 नवम्बर 2021 (आईपीएन)। प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के तत्वावधान में आगामी 30 नवम्बर से 14 दिसम्बर 2021 तक 15 दिवसीय भारत महोत्सव-2021 का आयोजन कांशीराम स्मृति उपवन, आशियाना लखनऊ में किया जायेगा। इस बात की जानकारी आज प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने भारत महोत्सव की आयोजित प्रेसवार्ता में भारत महोत्सव स्थल पर दी।

उन्होंने बताया कि भारत महोत्सव-2021 की थीम आत्म निर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम होगी। विनोद कुमार सिंह ने बताया कि भारत महोत्सव मे 28 राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, पंजाब, ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, तमिलनाडु एवं 8 केन्द्र शासित प्रदेशों अण्डमान- निकोबार, दादर नगर हवेली, दमन और दीव, लक्ष्यद्वीप, चंडीगढ़, दिल्ली और पौंडिचेरी की कला संस्कृति, पर्यटन, हस्त शिल्प, देशी उत्पाद, वस्त्र, फर्नीचर, मसाले, हैण्डलूम-हैण्डी क्राफ्ट सहित अन्य चीजों के स्टाल आकर्षण का केन्द्र होंगे।

उन्होंने बताया कि भारत महोत्सव प्रदेश सरकार द्वारा प्रद्वत कोविड-19 के नियमों के तहत आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का गेट पर टैम्पेचर चेक करने के बाद उसे सैनिटाइज करके ही प्रवेश दिया जायेगा। इसके अलावा महोत्सव में बिना मास्क के किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नही दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि संस्था के फेसबुक पर देश विदेश के लोगों को अवध महोत्सव से जोड़ा जायेगा। इसके अलावा भारत महोत्सव से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए भारत महोत्सव के फेसबुक लिंक का प्रयोग सजीव प्रसारण के लिए किया जायेगा।

विनोद ने बताया कि 30 नवम्बर 2021 से 14 दिसम्बर 2021 तक होने वाले 15 दिवसीय भारत महोत्सव में निःशुल्क भारत टैलेण्ट हण्ट-2021 का आयोजन किया जायेगा, इसके तहत बच्चों व युवाओं की गायन, नृत्य, वादन, किड्स मॉडलिंग, मेंहदी, रंगोली, कबाड़ से जुगाड़, सिलाई, चित्रकला, निबंध लेखन, साइकिल रेस, खो-खो, कबड्डी, मिस्टर-मिस और मिसेज भारत प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।

प्रेसवार्ता में प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एन.बी. सिंह ने बताया कि भारत महोत्सव-2021 में भारत के 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली अनेक विभूतियों को भारत हस्तशिल्प महोत्सव रत्न सम्मान से सम्मानित किया जायेगा, जिसमें महिलायें, पुरूष और बच्चे शामिल होंगे। इसके अलावा कोरोना वॉरियर्स को भी सम्मानित किया जायेगा। 

उन्होंने बताया कि भारत महोत्सव-2021 की सांस्कृतिक संध्या में रोजाना भारत के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम उत्तर प्रदेश का ख्याल नृत्य, रास नृत्य, झूला नृत्य, मयूर नृत्य, धोबिया नृत्य, चरकुला नृत्य, कठफोड़वा नृत्य, जोगिनी नृत्य, आल्हा-ऊदल गायन, राजस्थान का घूमर नृत्य, कालबेलिया नृत्य, तेराताली नृत्य, गेर नृत्य, पंजाब का गिद्दा-भांगड़ा, हरियाणा का झूमर नृत्य, बिहार का जाट जाटिन नृत्य, झारखंड का फगुआ नृत्य, करमा नृत्य, महारास्ट्र का लावणी नृत्य, दसावतार और डिंडी नृत्य, गुजरात का गरबा नृत्य के साथ अन्य राज्यों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा कवि सम्मेलन, मुशायरा, जादू, कठपुतली, बिरहा और आल्हा के कार्यक्रम होंगें। 

एन.बी. सिंह ने बताया कि भारत महोत्सव के  फूड जोन में राजस्थानी, पंजाबी, साउथ इण्डियन, गुजराती, चाइनीज, अवधी-मुगलई के अलावा देशी बाटी चोखे के स्टाल आकर्षण के केन्द्र होंगे। इसके अलावा फन जोन में बच्चों के लिए तमाम तरह के आकर्षक झूले, खिलौने होंगे। भारत हस्तशिल्प महोत्सव में भारत के हस्तशिल्पियों को बढावा देने के लिए 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के हैण्डलूम हैण्डीक्राफ्ट्स, खादी ग्रामोद्योग, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक के समान, सहारनपुर का फर्नीचर, भदोही का कालीन, कश्मीर और लद्दाख में बने हुए गर्म कपड़े, शाल, गुजरात की सड़िया व लहंगे, कानपुर का चमडे का सामन, घरेलू सामानों और लघु इकाइयों द्वारा निर्मित अचार, पापड़, क्रॉकरी, मेवे व अन्य सामानों के स्टाल होंगे। 

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