मिल्कीपुर विजय से भाजपा को राहत व सपा की राह कठिन

Milkipur victory gives relief to BJP and difficult path for SP

IPN Live

IPN Live

Lucknow, 13 Feb, 2025 09:26 AM
मिल्कीपुर विजय से भाजपा को राहत व सपा की राह कठिन
मृत्युंजय दीक्षित 

आईपीएन। जून 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद सबसे अधिक चर्चा फैजाबाद संसदीय क्षेत्र में भाजपा की पराजय की हुई, जहाँ श्री रामजन्मभूमि पर दिव्य, भव्य  राम मंदिर का हिन्दू समाज का 500 वर्ष पुराना सपना पूरा होने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। फैजाबाद जीत से विपक्ष का आत्मविश्वास इतना बढ़ गया कि इसके बाद हुई अपनी गुजरात रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने, भाजपा के राजनीति से विश्राम ले चुके वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जी के राम मंदिर आंदोलन को ही हरा देने का दंभ भरा। लोकसभा में  सपा सांसद अवधेश  प्रसाद की तो मानो प्रदर्शनी लगा दी गई बड़बोले नेताओं ने उनको अयोध्या का रजा तक कह दिया।  

फैजाबाद संसदीय सीट की हार और अवधेश प्रसाद को अयोध्या का राजा कहे जाने से सनातन समाज में दुःख, निराशा और क्षोभ था। मिल्कीपुर को सनातनी हिन्दुओं ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था क्योंकि सनातनधर्मी प्रभु राम को ही अयोध्या का एकमात्र राजा मानते हैं । यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि जब से सपा मुखिया और कांग्रेस ने अवधेश प्रसाद को अयोध्या का राजा कहना आरम्भ किया तभी से इनकी राजनीति गड़बड़ाने लगी।अब तक प्रदेश में 11 विधानसभा उपचुनाव हो चुके हैं जिसमें भाजपा को आठ सीटों पर सफलता मिली है और प्रदेश में सपा ओैर कांग्रेस गठबंधन भी बिखर रहा है।  

राजनैतिक दल के रूप में भाजपा ने मिल्कीपुर चुनाव जीतने के लिए बेहद आक्रामक रणनीति तैयार की और  स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार मिल्कीपुर का दौरा किया। जब योगी जी मिल्कीपुर जाते थे तब सपा सांसद का बयान आता था कि योगी जी जितनी बार मिल्कीपुर आयेंगे भाजपा का वोट प्रतिशत उतना ही घटेगा और सपा का उतना ही वोट प्रतिशत बढ़ता जायेगा जबकि परिणाम उसके विपरीत आये हैं । मिल्कीपुर की जनता के बता दिया है कि अयोध्या के एकमात्र राजा प्रभु राम ही है। 

मिल्कीपुर की जनता ने विपक्ष के नकारात्मक विचारों के एजेंडे को नकारते हुए विकास और सुशासन का साथ दिया। मिल्कीपर की जनता को अच्छी तरह से समझ में आ गया कि स्थानीय विकास के लिए सत्तारूढ़ भाजपा का विधायक ही आवश्यक है । मिल्कीपुर की जनता ने सपा के परिवारवाद और जातिवाद को नकार दिया है। परिणाम से यह भी साफ हो गया है कि योगी का बटेंगे  तो कटेंगे का नारा जातिवाद के विरुद्व हिंदुत्व की राजनीति को ताकत दे रहा है। इस विजय से भाजपा के लिए एकजुट हिंदुत्व की राजनीति के पथ पर आगे बढ़ना आसान हो गया है।  

मिल्कीपुर सीट पर भाजपा को तीसरी बार जीत मिली है ।इससे पहले 1991 और 2017 में जीत मिली और अब 2025 में चंद्रभानु पासवान ने सपा के गढ़ में भगवा परचम लहराने में सफलता हासिल की है।मिल्कीपुर सीट का गठन 1967 में हुआ था और 1969 में तत्कालीन जनसंघ हरिनाथ तिवारी विधायक चुने गये थे।इसके बाद 1974 से 1989 तक यह विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का अभेद्य किला बन गया।1991 में राम लहर में मथुरा प्रसाद तिवारी ने भाजपा से जीत दर्ज की फिर 2012 तक यहां पर भाजपा  को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2017 में मोदी लहर में भाजपा के बाबा गोरखनाथ विजयी रहे। यह अलग बात है कि इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद ने बाबा को पराजित किया। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अवधेश  प्रसाद को अपना उम्मीदवाबर बनाया था और वह जीत गये। तभी से भाजपा पर लगातार दबाव बनता जा रहा था कि किसी न सिकी प्रकार से यह सीट हर हाल में जीतकर दिखानी है और योगी जी की टीम ने यह काम कर दिखाया है। 

मिल्कीपुर चुनाव से पूर्व प्रयागराज महाकुम्भ -2025 में योगी कैबिनेट ने एक साथ गंगा में पवित्र डुबकी लगाकर मीडिया जगत और जनमानस में इस बात का संदेह पूरी तरह से दूर कर दिया कि योगी कैबिनेट व भाजपा में आपस में कोई मतभेद व मनभेद है। मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा भदरसा दुष्कर्म कांड के बहाने सपा पर हमलावर रही। चुनावों के बीच ही वहां पर एक बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या का एक मामला सामने आया उसके बाद विपक्षी दलों ने भाजपा को घेरने का असफल प्रयास किया। इस घटना को लेकर सभी दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पोस्ट करके राजनीतिक तापमान को गरमाने का असफल प्रयास किया था किंतु आरोपियों के पकड़े जाते ही यह मामला अपने आप गायब हो गया। इस प्रकरण में अवधेश प्रसाद के आंसू भी निकले और  खूब निकले यहां तक की मीडिया में बार- बार  दिखाया भी गया, मतदान के दिन अवधेश प्रसाद ने एक वीडियो बनवाकर चलवाया जिसमें वह हनुमान चालीसा पढ़ रहे थे, किन्तु ऐसी कोई भी ट्रिक इस चुनाव में नहीं चली। मिल्कीपुर की जनता ने इस बार लोकसभा की गलती  को ठीक करने का मन बना लिया था ।

मिल्कीपुर में अबकी बार संघ ने भी काम संभाला और मजबूत किलेबंदी के साथ हर बूथ पर संघ के पदाधिकारी मोर्चा पर डटे रहे। इसका असर मतदान के दिन दिखा भी।  संघ ने मतदाता को मतदान केंद्र तक पहुंचाने में पर्याप्त श्रम किया। मिल्कीपुर जीत से भाजपा का विश्वास बढ़ा है, योगी जी की प्रतिष्ठा बढ़ी है और उनके नारे की लोकप्रियता भी बढ़ रही है। महाकुंभ- 2025 के समापन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री येगी आदित्यनाथ जी का एक नया अवतार देखने को मिल सकता है। हिंदुत्व की राजनीति में काशी, मथुरा के साथ संभल का अध्याय भी जुड़ चुका है। 

( उपर्युक्त आलेख लेखक के निजी विचार हैं। आवश्यक नहीं है कि इन विचारों से आईपीएन भी सहमत हो। )

सर्वाधिक पसंद

Leave a Reply

comments

Loading.....
  1. No Previous Comments found.