यादों में अमर रहेगा 45 दिन का अद्भूत आध्यात्मिक संगम
Amazing spiritual confluence of 45 days will remain immortal in memories

IPN Live
Lucknow, 28 Feb, 2025 03:44 PM*महाकुम्भ एक याद बन गया, लेकिन इसकी गूंज सदियों तक रहेगी*
*45 दिन का अद्भुत आध्यात्मिक संगम, जो यादों में अमर रहेगा*
*महाकुम्भ में बिताए पल, संतों की वाणी और आध्यात्मिक अनुभूतियां सजीव बनी रहेंगी*
*स्वच्छता अभियान ने रखा आध्यात्मिक विरासत को जीवित*
प्रयागराज, 28 फरवरी 2025 (आईपीएन)। प्रयागराज महाकुम्भ 45 दिनों तक आस्था, श्रद्धा और संस्कृति का केंद्र बना रहा। करोड़ों श्रद्धालुओं ने यहां पुण्य स्नान किया, संतों-महात्माओं के प्रवचन सुने और दिव्य वातावरण का आनंद लिया। अब जब महाकुम्भ का समापन हो गया है तो यह एक याद बनकर दिलों में बस गया है।
*संगम तट सूना, लेकिन स्मृतियां जीवंत*
महाकुम्भ के दौरान जो घाट भक्तों से भरे रहते थे, वे अब सूने हो चुके हैं। श्रद्धालु अपने-अपने गंतव्य की ओर लौट चुके हैं, लेकिन संगम की लहरों में अभी भी आरती की गूंज महसूस होती है। महाकुम्भ में बिताए पल, संतों की वाणी और आध्यात्मिक अनुभूतियां श्रद्धालुओं के हृदय में सजीव बनी रहेंगी।
*भव्य आयोजन, सफाई कर्मियों को नमन*
महाकुंभ के सफल आयोजन में प्रशासन, सुरक्षा बलों और विशेष रूप से सफाई कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन कर्मयोगियों का आभार व्यक्त किया और उनके योगदान को सराहा। कुम्भ क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने के लिए सफाई कार्य अभी भी जारी है।
*संकल्प: गंगा-यमुना की निर्मलता और संस्कृति की रक्षा*
महाकुंभ के समापन ने पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर भी चर्चा को तेज कर दिया है। महाकुम्भ ने एक बार फिर गंगा और यमुना की पवित्रता बनाए रखने की प्रेरणा दी है। इस भव्य आयोजन की समाप्ति के साथ, सभी को संकल्प दिलाया है कि मां गंगा और यमुना को स्वच्छ और अविरल बनाए रखने में योगदान देंगे, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस दिव्य अनुभव का आनंद ले सकें। स्वच्छता से जुड़े एक स्थानीय अधिकारी ने कहा, "महाकुंभ भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन इसका संदेश हमेशा जिंदा रहेगा। हमारी नदियों और परिवेश की शुद्धता को बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है।"
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